शिक्षा के मुद्दे पर सरकार की नाकामी के चलते देश भर के पीड़ित अभिभावक दिल्ली में हुए एकत्र सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने की ली शपथ 14 राज्यों के अभिभावक संघों के प्रतिनिधियों ने लिया भाग
* अभिभावकों ने सरकार से पूछे 14 तीखे सवाल देश में लगातार बढ़ रही प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और सरकार की निक्रियता के विरोध में आज दिनांक 15 सितम्बर 2018 को दो दिन की मीटिंग आयोजित की गयी जिसमे देश के 14 राज्यों के अभिभावक संघों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस नेशनल मीटिंग का प्रमुख एजेंडा सरकार के द्वारा अभिभावकों की पीड़ा का निश्चित समाधान करने के लिए दवाब बनाना, अभिभावकों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना और विभिन्न संस्थाओं जैसे CBSE, ICSE, NCPCR, आदि की निष्क्रियता को प्रेस के माध्यम से 125 करोड़ लोगो को बताना था. अधिवक्ता अनुभा की अध्यक्षता में हुए इस मीटिंग में पीड़ित अभिभावकों ने सरकार को फाइनल अल्टीमेटम देते हुए कहा की अगर 31 दिसंबर 2018 तक सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की नकेल नहीं कसी और अभिभावकों को राहत नहीं दी. तो इसका परिणाम 2019 के आम चुनावों में देखने को मिलेगा.
मीटिंग में देश भर में प्राइवेट स्कूलों के मनमानी रोकने के मुद्दे पर गहन चिंतन हुआ और सरकार व सुप्रीमकोर्ट से निम्नलिखित सवाल पूछे गए
1. संविधान के अनुछेद 21 A का अनुपालन कौन करवाएगा?
2. शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की कैसे पूर्ण अनुपालन करवाया जा रहा है?
3. जब माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली के सभी प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट अनिल देव कमेटी के सिफारिशों के आधार पर हो सकता है तो पुरे देश में क्यों नहीं?
4. माननीय सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न आदेशों जैसे विशाखा गाइडलाइन्स, स्कूल ट्रांसपोर्ट सम्बन्धी दिशा निर्देश, TMA PIE, मॉर्डन स्कूल, इस्लामिक फाउंडेशन, PA इनामदार और अन्य राज्यों के विभिन्न हाई कोर्ट के आदेशों का अनुपालन नहीं करने वाले सभी दोषियों को कौन दण्डित करेगा?
5. स्कूलों में मासूमों से हो रहे अत्याचार (दुकर्म, कुकर्म और असमायिक मौतें) कब रुकेंगे?
6. पुरे देश में समान शिक्षा समान शुल्क कब लागू होगा?
7. कोर्स और परीक्षाओं का निर्धारण करने वाली संस्थाओं के फीस निश्चित करने का अधिकार कब मिलेगा जबकि हर राज्य में सरकारी स्कूलों के फीस सरकार निश्चित करती है?
8. उत्तरप्रदेश में जनसुनवाई जैसे भ्रामक पोर्टल जिसमे किसी भी स्कूल की शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होती और शिकायत निरस्त कर दी जाती है, को बंद कब किया जायेगा?
9. प्रधानमंत्री जी ने कई बार (60) अपने मन की बात तो की लेकिन अभिभावकों के मन की बात वो कब करेंगे?
10. पीएमओ, NCPCR लोकल पुलिस स्टेशन पर प्राप्त हुई शिकायतों का समाधान कब होगा?
11. प्रियांशी, ग़ज़ल यादव, अरमान, प्रद्युम्न जैसे अनेको बच्चे जो असमय ही स्कूलों की लापरवाही के कारण अपनी जान गवां बैठे है उनको नये कब मिलेगा?
12. माननीय सुप्रीम कोर्ट के माननीय जज सुप्रीमकोर्ट की कार्य प्रणाली पर प्रश्न उठाने के लिए तो प्रेसवार्ता करते हैं लेकिन क्या सभी माननीय जज माननीय कोर्ट के अपने ही आदेशों और सविधान के पालन के लिए सरकारों को कटघरें में कब खड़ा करेंगे?
13. माननीय सुप्रीम कोर्ट पीड़ित अभिभावकों की पीड़ा दूर करने के लिए क्या स्वतः संज्ञान लेगा?
14. जो काम सरकार कर सकती है, जो उसके दायित्व है उसके लिए सरकार अभिभावकों को कोर्ट का रास्ता क्यों दिखाती है? इसके अलावा मीटिंग में विभीन राज्यों के फीस बिल पर भी चर्चा हुई जिसमे अभिभावकों ने सरकारों पर प्राइवेट स्कूलों को फायदा पहुंचाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई. इस मीटिंग में दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, , राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड,तेलंगाना,कर्नाटक तमिलनाडु ,आंध्रप्रदेश , राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. सभी ने एकजुट होकर प्राइवेट स्कूलो के खिलाफ लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया अभिभावकों ने बताया की निश्चित है की सभी सरकारें स्कूलों की पक्ष धर हैं इसलिए अब अभिभावक खुद 125 करोड़ लोगो को जागरूक करने का काम शुरू करेंगे और उन्हें ना केवल सरकार की नाकामियों से अवगत करवाएंगे बल्कि उनको उनकी मूलभूत अधिकारों के जानकारी भी देंगे.सभी राज्यो का प्रतिनिधिमंडल कल दिनाँक 16/09/2018 रविवार को इंडिया गेट से मानव श्रंखला बनायेगे तथा प्रधानमंत्री जी , HRD minister ,, law minister एवम मेनका गांधी जी से मुलाकात करेंगे ।