दिल्ली शिक्षा विभाग द्वारा ज़ारी 28 अगस्त 2020 के आर्डर ने एक बार फिर से साफ़ किया कि स्कूल lockdown की अवधि ख़त्म होने तक तथा नए आर्डर के ज़ारी होने तक पेरेंट्स से केवल ट्यूशन फ़ीस ही वसूलेंगे। इसके अतिरिक्त
1 स्कूल केवल ट्यूशन फीस लेंगे
2 एनुअल और डेवलोपमेन्ट चार्जेज नहीं माँगेगे
3 एरमार्केड लेविस जे अंतर्गत आने वाले हेड्स को स्कूल खुलने तक नही माँगेगे
4 किसी भी प्रकार से बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज बंद नहीं कि जाएँगी।
5 2020-21 में कोई भी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकता
6 *ट्यूशन फीस के अलावा पेरेंट्स से वसूली गयी अतिरिक्त फीस तुरंत या तो वापस की जाएगी या एडजस्ट की जाएगी।*
6 इस आर्डर की अवमानना पर DSEAR1973 के सेक्शन24 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।
आर्डर देखने में तो ठीक वैसे ही सही प्रतीत होता है जैसा 18 अप्रैल को हुआ था। परंतु प्रश्न ये है कि
1 कितने स्कूल अतिरिक्त ली गई फीस वापस करेंगे?
2 आर्डर में रिफंड/adjust के साथ स्कूलों से फ़ीस लौटने का एफिडेविट क्यों नहीं मांगा? यदि मांग लिया होता तो आज शिक्षा विभाग कानूनी तौर पर मजबूत हो जाता।
3 कार्यवाही के नाम पर dsear1973 के सेक्शन24 की जगह सेक्शन 20 देना चाहिए था। क्योंकि सेक्शन 24 जहां केवल स्कूल की इंस्पेक्शन तकः सीमित है वहीं आर्डर व dsear1973 की अवहेलना पर सेक्शन 20 स्कूल के टेकओवर की बात करता है। जिसके तहत इंस्पेक्शन अपनेआप आ जाती।
4 कोविड महामारी के दौरान जब MHA द्वारा पारित आर्डर में साफ है कि राज्य/ केंद्र सरकार द्वारा ज़ारी किसी भी आर्डर का उल्लंघन करने पर DMA2005 व IPC 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी। तो इसको भी आर्डर में क्यों नहीं लिखा गया जबकि 17अप्रैल में इनका ज़िक्र वहाँ था।
अंत में आज फिर देखने वाली बात है कि विभाग अवहेलना की स्थिति में कैसे कार्यवाही करेगा? क्योंकि अप्रैल में ज़ारी आर्डर के बाद भी स्कूलों की मनमानी पर कोई रोक नहीं लगी और न ही किसी स्कूल पर DMA व IPC के तहत कार्यवाही हुई।
DOE order dt 18 April 2020 regarding Private Schools Fee During Covid Lockdown Period
PDF of Directorate of Education Order 28 August 2020